मधुमेह की बात करें तो ये किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। शुगर (डायबिटीज) की होम्योपैथिक दवाएँ और उपचार साथ ही अगर किसी को मधुमेह की बिमारी हो जाए तो पूरी उम्र ये व्यक्ति को काफी परेशान करती है। वही यह ज़िन्दगी भर चलने वाली बीमारी है, जिसमें आपके रक्त शर्करा का स्तर नार्मल से काफी ऊंचा हो जाता है। इस वजह से ये समस्या हो जाती है।
इसके अलावा आज के लेख में हम बात करेंगे की ये समस्या व्यक्ति को अपना शिकार क्यों बनाती है, इसके लक्षण क्या हो सकते है और साथ ही कैसे हम इस समस्या से खुद को बाहर निकाल सकते है और होम्योपैथिक में इसका क्या इलाज शामिल है इसके बारे में भी बात करेंगे इसलिए इसको जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;
शुगर (डायबिटीज) की समस्या के कारण क्या है ?
- इंसुलिन की कमी: अग्न्याशय हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन करता है, जो शरीर को रक्तप्रवाह से ग्लूकोज या चीनी को अवशोषित करने और ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है। यदि आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है, तो आपके रक्त में शर्करा का निर्माण होता है, जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह होता है।
- परिवार में किसी को मधुमेह है: मधुमेह आनुवंशिक कारण से भी हो सकता है। यदि आपके परिवार में किसी को मधुमेह है, तो आपको इसका खतरा अधिक है।
- बढ़ती उम्र: आपने देखा होगा कि कम उम्र के लोगों की तुलना में ज्यादातर उम्रदराज लोगों को मधुमेह होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जैसे-जैसे हम बढ़ते हैं, शरीर इंसुलिन हार्मोन का उपयोग करने में कम कुशल हो जाता है।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर: यदि आपका कोलेस्ट्रॉल उच्च है, तो यह शरीर के लिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना कठिन बना सकता है।
- व्यायाम न करने की आदत: नियमित व्यायाम शरीर को इंसुलिन को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद करता है और शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखता है।
- हार्मोनल असंतुलन: पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) या कुशिंग सिंड्रोम के कारण होने वाला हार्मोनल असंतुलन, इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है और मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकता है।
- उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है और इसमें से एक मधुमेह है। यदि आपको उच्च रक्तचाप है तो आपको तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
- खाने की गलत आदतें: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, शर्करा युक्त पेय और अस्वास्थ्यकर वसा वाला आहार वजन बढ़ाने और इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान कर सकता है, जो मधुमेह के लिए जोखिम कारक हैं।
डायबिटीज की समस्या से खुद का बचाव कैसे करें ?
- मिठाइयाँ कम खाएँ: चीनी युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें। इससे आपको अपने समग्र चीनी सेवन को नियंत्रित करने और मधुमेह को रोकने में मदद मिलेगी।
- सक्रिय रहें और व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करने की दिनचर्या बनाएं। नियमित व्यायाम करने से शरीर को ऊर्जा के लिए चीनी का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद मिलती है।
- अधिक पानी पिएं: एक दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त शर्करा मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाती है। इसलिए हाइड्रेटेड रहें.
- वजन कम करें: यदि आपका वजन अधिक है तो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और मधुमेह की संभावना को कम करने के लिए वजन कम करने का प्रयास करें।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें: नियमित धूम्रपान और शराब का सेवन आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंचा सकता है और मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकता है।
- उच्च फाइबर आहार लें: अपने आहार में फाइबर शामिल करने से शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखने और अधिक खाने से रोकने के लिए प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करें।
- विटामिन डी की कमी: अपने शरीर में विटामिन डी के स्तर को बनाए रखें, क्योंकि अगर इसकी कमी है तो मधुमेह होने की संभावना अधिक है।
क्या है शुगर या डायबिटीज की समस्या ?
- हम जो भोजन करते हैं उससे, शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है जिससे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में उपयोग करती हैं। यदि शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती हैं और ब्लड से कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं पहुंचा पाता। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है और ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- तो आप भी अगर शुगर की नुकसानदायक समस्या का सामना कर रहें है तो इससे निजात पाने के लिए जालंधर में होम्योपैथिक डॉक्टर का चयन करें।
डायबिटीज के लक्षण क्या है ?
- थकान की समस्या।
- मतली।
- बार-बार पेशाब का आना।
- प्यास और भूख में वृधि का होना।
- वजन घटना।
- निगाह का कमज़ोर होना।
डायबिटीज का होम्योपैथिक में क्या इलाज है ?
- होम्योपैथी उपचार प्राकृतिक हैं क्योंकि इस पद्धति में खनिजों, पौधों और जानवरों के अर्क का इस्तेमाल करके दवाएं बनती हैं।
- इसके अलावा अगर आपके शुगर के लक्षण ज्यादा गंभीर है तो इससे बचाव के लिए खुद डॉक्टर भी होम्योपैथिक उपचार का चयन करने के लिए नहीं कहेंगे।
- वही होम्योपैथिक दवाई की बात करें तो “अब्रोमा ऑगस्टा” शुगर को जड़ से ख़त्म करने की बेहतरीन होम्योपैथिक दवा है। अगर आप इस दवाई को लेना चाहते है तो दिल्ली में होम्योपैथिक क्लिनिक का चयन करें।
- “जंबोलनम या एस. क्यूमिनी” (काली बेर) बेहतरीन होम्योपैथिक दवा है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करती है।
- फॉस्फोरिक अम्ल, कोनियम, नैट्रम फॉस 3x, सेफलैंड्रा इंडिका, नैट्रम मुरी, आदि होम्योपैथिक दवाइयां डायबिटीज की समस्या से निजात दिलवाती है।
शुगर (डायबिटीज) की होम्योपैथिक दवाएँ और उपचार अगर आप भी डायबिटीज या शुगर का इलाज होम्योपैथिक तरीके से करवाना चाहते है आप भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर के साथ ऑनलाइन होम्योपैथी परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
निष्कर्ष :
डायबिटीज की समस्या उत्पन होने से ये अपने साथ कई अन्य बीमारी को भी पैदा कर सकती है इसलिए इसके शुरुआती लक्षण दिखने पर फ़ौरन डॉक्टर का चयन कर लें।
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