ऑटिज़्म (Autism) क्या हैं ?
- ऑटिज़्म (Autism) को मेडिकल भाषा में ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर Autism spectrum disorder (ASD) कहते हैं। यह एक विकास संबंधी गड़बड़ी है जिससे पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में, पढ़ने-लिखने में और समाज में मेलजोल बनाने में परेशानियां आती हैं। ऑटिज्म के कारण लक्षण और उपचार के बारे में जानें
- ऑटिज़्म (Autism) एक ऐसी स्थिति है जिससे पीड़ित व्यक्ति का दिमाग अन्य लोगों के दिमाग की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। वहीं, ऑटिज़्म से पीड़ित लोग भी एक-दूसरे से अलग होते हैं। यानि कि आटिज्म के अलग-अलग मरीजों को अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- हालांकि इस बीमारी के बारे में अभी तक बहुत ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है और न ही वर्तमान में इसका कोई पूर्ण इलाज है। वैसे तो इस बीमारी से पीड़ित लोग नौकरी करने, परिवार और दोस्तों के साथ मेल-मिलाप करने में सक्षम होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें इसके लिए दूसरों की मदद लेनी पड़ती है।
ऑटिज़्म (Autism) के प्रकार क्या हैं ?
ऑटिज़्म (Autism) मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, जिनका वर्णन हम निम्न कर रहें,..
- ऑटिस्टिक डिसॉर्डर, यह ऑटिज़्म के सबसे आम प्रकारों में से एक प्रकार माना जाता है। जो लोग ऑटिज्म के इस डिसऑडर से प्रभावित होते हैं उन्हें सामाजिक व्यवहार में और अन्य लोगों से बातचीत करने में मुश्किलें आती हैं।
- अस्पेर्गेर सिंड्रोम, इस सिंड्रोम को ऑटिस्टिक डिसऑडर का सबसे हल्का रूप माना जाता है। इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति कभी कभार अपने व्यवहार से भले ही अजीब लग सकते हैं लेकिन, कुछ खास विषयों में इनकी रूचि बहुत अधिक हो सकती है।
- पर्वेसिव डेवलपमेंट डिसॉर्डर, आमतौर पर इसे ऑटिज़्म का प्रकार नहीं माना जाता है। कुछ विशेष स्थितियों में ही लोगों को इस डिसॉर्डर से पीड़ित माना जाता है।
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ऑटिज़्म (Autism) के लक्षण क्या हैं ?
इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर 12-18 महीनों की आयु में (या इससे पहले भी) दिखते हैं जो सामान्य से लेकर गम्भीर हो सकते हैं। ये समस्याएं पूरे जीवनकाल तक रह सकती हैं। तो वहीं इनमे ऑटिज़्म के निम्न संकेत दिखाई देते हैं-
- एक ही शब्द को बार-बार बोलना या बड़बड़ाना।
- किसी चीज़ की तरफ इशारा करना।
- मां की आवाज़ सुनकर मुस्कुराना या उसे प्रतिक्रिया देना।
- हाथों के बल चलकर दूसरों के तरफ जाना।
- आंखों में आंखें मिलाकर ना देखना।
यदि आप या आपके बच्चे में इनमे से कुछ भी लक्षण दिखाई दे तो जालंधर में बेस्ट होम्योपैथिक डॉक्टर का चुनाव करें।
होम्योपैथी ऑटिज़्म (Autism) का इलाज कैसे करती है ?
होम्योपैथी में ऑटिज़्म का इलाज निम्न तरीके से किया जाता हैं,.. जैसे
- गुड बिहेवियर थेरेपी, की मदद से बच्चे में सकारात्मक की भावना उत्पन होती हैं।
- अच्छी डायट, की मदद से भी बच्चे को इस बीमारी से ठीक किया जा सकता है।
- अच्छी होम्योपैथिक थेरेपी, तभी संभव है जब बच्चे के मानसिक कारको को अच्छे तरीके से आप जान लेंगे।
यदि आप इस बीमारी से निजात पाने के बारे में सोच रहे है तो दिल्ली में बेस्ट होम्योपैथिक क्लिनिक का चुनाव भी काफी अच्छा होगा आपके और आपके बच्चे के लिए।
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निष्कर्ष :
यदि आपका दिमाग भी सही तरीके से काम नहीं करता तो आप ऑटिज्म के कारण लक्षण और उपचार के बारे में जानें और बिना समय गवाए किसी अच्छे होमियोपैथी डॉक्टर का चुनाव करे और जड़ से इस बीमारी का खात्मा करें।
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